सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने के फायदे और नुकसान – Neem Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi

Neem in Hindi: नीम एक प्रकार का औषधीय पेड़ है जिसका वैज्ञानिक नाम ‘आजडिरेक्टा इंडिका’ होता है। यह महोगनी परिवार से संबंधित है और अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। नीम के पेड़ के सभी भागों जैसे पत्ते, छाल, बीज और तेल को उपयोग में लाया जाता है। यह प्रायः भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि दक्षिण एशियाई देशों में पाया जाता है। नीम के पत्ते, तने, फल और बीजों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जाता है। नीम के उपयोग से त्वचा संबंधी समस्याओं, बालों की समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इस लेख में हम सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने के फायदे और नुकसान से जुड़ी सभी जानकारियां देंगे।

रोजाना सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने के फायदे और नुकसान-Neem Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi

खाली पेट नीम के पत्ते खाने फायदे :- (Neem ke Fayde)

नीम की पत्तियों में कई औषधीय गुण होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। यह एक प्राकृतिक उपचार हो सकता है और विभिन्न रोगों से बचाव और इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

  • स्किन के लिए फायदेमंद: नीम की पत्तियों का उपयोग त्वचा की समस्याओं जैसे कि एक्ने, दाग-धब्बे, मुंहासे आदि के लिए किया जाता है। नीम की पत्तियों में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो त्वचा के बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं। नीम की पत्तियों का सेवन आपकी त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाए रखता है।
  • पाचन तंत्र: सुबह खाली पेट नीम के पत्तों को खाने से पाचन अच्छा रहता है, जिससे पेट साफ होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती। साथ ही नीम की तासीर ठंडी होती है और इसलिए यह पेट में एसिडिटी, सीने में जलन और पाचन से जुड़ी कई और समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है। नीम की पत्तियों में विटामिन सी एवं एंटी-ऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज़ होती हैं जो आपके पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करती हैं और उसे स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती हैं।
  • रक्त शुद्धि: नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो रक्त में विषैले पदार्थों को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं और आपके शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
  • दांतो को मजबूती: नीम को दातुन के रूप भी में प्रयोग में लाया जाता है। नीम की दातुन करने से दांत मजबूत और कीड़े खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा यह मसूड़ों के लिए भी काफी अच्छा होता है।
  • कैंसर से बचाव: कुछ अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि नीम में कैंसर विरोधी गुण हो सकते हैं और कुछ प्रकार के कैंसर से बचाने में मदद कर सकते हैं।
  • रोग प्रतिरोधक शक्ति: इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सुबह खाली पेट नीम के पत्तों का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। सुबह उठकर खाली पेट नीम की पत्तियां चबाने से आपके शरीर को प्राकृतिक गुण प्राप्त होते हैं, जो शरीर में पहुंचकर रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने का काम करते हैं।
  • मधुमेह: डायबीटीज़ की समस्या में नीम के पाउडर का सेवन करना चाहिए। हर दिन सुबह खाली पेट तीन महीने तक अगर नीम का सेवन किया जाये, इससे डायबीटीज़ से छुटकारा मिल सकता है। हालांकि इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए और हो सके तो डॉक्टर से सलाह करके खाएं।
  • मलेरिया: नीम के काढ़े में धनिया और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से मलेरिया के बुखार में जल्दी आराम होता है।
  • वजन घटाना: नीम के पत्ते में वजन घटाने के लिए उपयोगी गुण होते हैं। इसमें वसा कम करने वाले तत्व होते हैं, जो आपको वजन कम करने में मदद करते हैं।

नीम के पत्ते खाने नुकसान :- (Neem ke Nuksan)

यह सच है कि नीम के कई फायदे हैं, लेकिन इसका सेवन ज़रूरत से अधिक नहीं करना चाहिए। आइये जानते हैं कि इससे आखिर क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

  • अगर महिलाएं प्रेग्नेंट हैं या फिर स्तनपान करा रही हैं, तब भी उनको नीम के सेवन से बचना चाहिए।
  • बाल धोते समय इस बात का ख़याल रखना चाहिए कि नीम आपकी आंखों में ना चला जाए, क्योंकि इससे आपकी आंख में जलन हो सकती है।
  • नीम के ज्यादा सेवन से मुंह का स्वाद खत्म हो जाता है।
  • यदि हम सुबह खाली पेट नीम का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं तो किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए नीम के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए।

नीम के तेल के फायदे :- (Neem Oil ke Fayde)

नीम का तेल एक प्राकृतिक तेल है जो नीम के पेड़ से प्राप्त होता है। इसका उपयोग पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में हजारों वर्षों से किया जाता रहा है और यह अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है।

  • कान दर्द में राहत: नीम का तेल कान के दर्द में आराम देता है। कई लोगों में कान बहने की समस्या होती है, ऐसे में कान में नीम का तेल डालें।
  • मच्छर भगाएं: नीम के तेल से मच्छर भी भागते हैं जी हाँ, नीम के तेल को पानी में मिला कर अगर घर में स्प्रे किया जाये तो इससे मच्छर भाग जाते हैं।
  • त्वचा के संक्रमण: नीम का तेल अपने ऐंटिफंगल और जीवाणुरोधी गुणों के कारण मुँहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसे त्वचा के संक्रमण के लिए एक प्रभावी उपचार है।
  • डैंड्रफ को रोकता है: डैंड्रफ को रोकने और स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए नीम के तेल का उपयोग प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जा सकता है।
  • सूजन कम करता है: नीम के तेल के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • गठिया दर्द में आराम: गठिया जैसी स्थितियों के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के लिए नीम के तेल का शीर्ष रूप से उपयोग किया जा सकता है।

नीम के पत्ते कितने दिन तक खाना चाहिए:-

अगर आपको त्वचा या पेट सम्बंधित कोई समस्या है तो नीम की पत्ती को 3 महीने से ज्यादा नहीं खाना चाहिए। वैसे नीम की पत्ती को केवल 7 दिन तक खा सकते है बाद में बंद कर दे।

नीम का औषधि उपयोग:-

नीम की दातुन करने से दांत व मसूढ़े मजबूत होते हैं और पायरिया, मुंह में बदबू आना आदि समस्याए नष्ट होती है। मसूढ़ों की सूजन, मसूढ़ों में खून आना बन्द होता है। दांतों व मसूढ़ों की समस्त बीमारियों में इससे फायदा होता है। इसके सेवन से कोई नुकसान नजर आये तो देसी गाय का दूध या गाय का घी प्रयोग कर उस दुष्प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं।

नीम के फायदे बालों के लिए:-

FAQ

Ques-1 नीम का उपयोग कैसे किया जाता है?

नीम के पेड़ सभी चीज़ो को उपयोग में लाया जाता है जैसे पत्तियां, टहनी, छाल, तना, फल आदि।

Ques-2 नीम के पत्ते में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

नीम के पत्ते में विटामिन सी मात्रा अधिक पाई जाती हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने का काम करती हैं।

Ques-3 चर्म रोग में नीम का उपयोग कैसे करें?

चर्म रोगों में नीम की पत्तियों को पीसकर त्वचा पर लगाएं। और नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर नहाएं। इससे आपको चर्म रोग में जल्दी आराम मिलेगा।

Ques-4 नीम की तासीर क्या है?

नीम की तासीर ठंडी होती है इसके कारण इसका प्रयोग गर्मी में करना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं।

Ques-5 रोज नीम के कितने पत्ते खाने चाहिए?

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि आप एक दिन में 4 से 5 नीम की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं. इससे अधिक मात्रा में नीम की पत्तियों का सेवन करने से शरीर को नुकसान हो सकता है।

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