Sesame Seeds in Hindi: तिल छोटे बीज होते हैं जो तिल के पौधे से आते हैं। तिल का वैज्ञानिक नाम सेसमम इंडिकम (Sesamum indicum) है। इसका पौधा पेडालियासी (Pedaliaceae) परिवार से संबंधित है। वे आमतौर पर खाना पकाने में उपयोग किए जाते हैं। तिल सफेद, काले और भूरे सहित विभिन्न रंगों में आते हैं। सफेद तिल खाना पकाने में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली किस्म है। इनका स्वाद हल्का अखरोट जैसा होता है और इसके साथ ही इससे तेल भी निकाला जाता है जो बेहद फायदेमंद होता है। तिल के बीज का उपयोग ताहिनी बनाने के लिए भी किया जाता है, जो पिसे हुए तिल से बना पेस्ट होता है।
तिल के बीज अत्यधिक पौष्टिक होते हैं और इसमें कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम और जस्ता सहित कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं। वे ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड सहित फाइबर और स्वस्थ वसा का भी एक बढ़िया स्रोत हैं। कुल मिलाकर तिल एक अच्छा और पौष्टिक घटक है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में स्वाद जोड़ने के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। इस लेख में तिल के बीज (Sesame Seeds in Hindi) के फायदे, प्रयोग और नुकसान के बारे में विस्तार से बताएंगे, तो आइये जानते है।
तिल के फायदे :-(Til Ke Fayde)
तिल (Sesame Seeds in Hindi) के बीज अपने पोषण के कारण कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। तिल के सेवन के कुछ संभावित लाभों में शामिल हैं।
- पोषक तत्वों से भरपूर: तिल के बीज कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक सहित अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें विटामिन ई, बी विटामिन और फाइबर भी अधिक मात्रा में होते हैं।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा: तिल के बीज में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होते हैं, जिनमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट शामिल हैं। ये फैट एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय रोग से बचने में मदद कर सकते हैं।
- डायबिटीज को नियंत्रित करता है: तिल के बीज में लिग्नांस और फाइबर होते हैं जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, जो मधुमेह वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। तिल शरीर में इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित कर सकता है, जिससे डायबिटीज के लक्षणों को सामान्य करने में मदद मिल सकती हैं।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: तिल के बीज एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत हैं, जिनमें सेसमोल, सेसमिन और सेसमोलिन शामिल हैं। ये यौगिक शरीर को हानिकारक कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं।
- हड्डियों को मजबूत करें: तिल के बीज कैल्शियम का एक बढ़िया स्रोत होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। तिल के बीज का सेवन हड्डियों में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद कर मिलती है।
- सूजन कम करता है: तिल के बीज में ऐसे तत्व होते हैं जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- पाचन किर्या को ठीक करता है: तिल के बीज फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं, जो पाचन किर्या को बढ़ावा देने और कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
- त्वचा को सवस्थ करें: तिल के बीजों में एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता हैं, जो त्वचा को हानिकारक कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकता हैं। तिल के बीज मुँहासे और एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
- कैंसर से बचाव: तिल के बीजो का नियमित तौर पर सेवन करने से कई प्रकार के कैंसर से बचा जा सकता हैं। तिल के बीज में एटीकैंसर और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है जो कैंसर के खतरे से बचाने में मदद कर सकते है।
- थायराइड में फायदेमंद: तिल के तेल में सिलेनियम होता है, जो थायराइड हार्मोन को बेहतर करने में मदद करता है। साथ ही इसमें फैटी एसिड होता है, जो थायराइड ग्रंथी को अच्छा रखता है, ताकि यह ठीक ढंग से काम करे।
तिल का प्रयोग कैसे करें:- (Sesame Seeds in Hindi)
भारत में तिल को तिलहन की श्रेणी में रखा जाता है और इसे खाद्य पदार्थ और घरेलू उपचार दोनों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तिल का सेवन कैसे करें।
- एक चम्मच सीधे चबाकर खा सकते हैं
- आटे में मिलाकर रोटी में बना सकते है
- सलाद के साथ मिलाकर ले सकते है
- दूध में उबालकर ले सकते है
- लड्डू बना सकते है
हालांकि, हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार तिल के सेवन की उचित मात्रा भी अलग हो सकती है, इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
काले और सफेद तिल में क्या अंतर है:-
दोनों ही प्रकार के तिलों में लगभग बराबर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। दोनों ही तिल आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार काले तिल का सेवन करना आपके लिए अधिक फायदेमंद होता है। सफेद तिल की अपेक्षा काले तिलों में आयरन की मात्रा अधिक होती है। इसमें फाइबर भी ज्यादा पाया जाता है इसलिए इसका सेवन करना अधिक लाभकारी होता है।
तिल के नुकसान:-
तिल (Sesame Seeds in Hindi) के फायदे तो बहुत सारे हैं लेकिन कई बार इसका अधिक प्रयोग करना नुकसानदायक भी साबित हो सकता है, जैसे
- एलर्जी: तिल को सबसे ज्यादा एलर्जी पैदा करने वाले आम खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है, इससे आपको खुजली, चकत्ते, त्वचा में लाल दाने आदि की समस्या हो सकती है।
- अत्यधिक मात्रा: यदि उचित मात्रा में तिल का सेवन किया जाए तो इससे सेहत के लिए अच्छा माना गया है। हालांकि, अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से उल्टी, दस्त, जी मिचलाना और पेट संबंधी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
- गर्भवती महिलाओं को तिल का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि तिल से होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके।
FAQ
Ques-1 क्या रोज तिल खाना अच्छा है?
रोज तिल खाना सेहत के लिए अच्छा साबित हो सकता है इसमें विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए अच्छे होते हैं। तिल में विटामिन ई, विटामिन बी कंप्लेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीज, पोटेशियम और फॉस्फोरस भी अधिक मात्रा में होते हैं।
Ques-2 1 दिन में कितने तिल खाने चाहिए?
स्वस्थ शरीर वाले लोग नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम तिल का सेवन कर सकते हैं।
Ques-3 दूध और तिल खाने से क्या होता है?
एक चम्मच सफेद तिल एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर लेने से हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी को दूर किया जा सकता है।
Ques-4 तिल की तासीर क्या होती है?
तिल की तासीर गर्म होती है। इसलिए तिल ज्यादा मात्रा में खाने से डायरिया की दिक्क्त हो सकती हैं।
Ques-5 गर्मियों में तिल कैसे खाएं?
तिल का सेवन गर्मियों में कम मात्रा में करना चाहिए क्योकि तिल की तासीर गर्म होती है, जिससे शरीर में गर्मी बढ़ जाती है इसलिए गर्मियों में आप तिल को भिगोकर ही इसका प्रयोग करें।