Gallbladder in Hindi: गाल ब्लैडर, जिसे आम भाषा में पित्ताशय भी कहा जाता है, यह एक छोटा सा अंग है जो हमारे पाचन तंत्र का हिस्सा होता है। यह पेट के निचले भाग में, लिवर के नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य पित्त को इकट्ठा करना है जो लिवर द्वारा उत्पन्न होता है और उसे जरुरी समय पर पित्ताशय पित्त को पित्त नलिकाओं में छोड़ देता है और पाचन में सहायता करता हैं। कभी-कभी गैलब्लैडर में पथरी या गल्लब्लैडर स्टोन उत्पन हो जाते हैं, जो कि कैल्शियम, कोलेस्टेरॉल और अन्य पदार्थों के रूप में विकसित हो सकते हैं। यदि ये स्टोन ग्रंथि के मुख्य नालों में फंस जाते हैं, तो इससे पीठ में दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जनसेहत के इस लेख में आज हम गाल ब्लैडर स्टोन के लक्षण और गाल ब्लैडर स्टोन की चमत्कारी दवा के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देगें
गाल ब्लैडर स्टोन के लक्षण:- (Gallbladder Stone Symptoms)
गाल ब्लैडर स्टोन के होने पर निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं जैसे:
- पेट के उपरी भाग में दर्द: गाल ब्लैडर स्टोन होने पर आपको पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द अक्सर दाहिने पाठी में होता है और विशेषत भोजन के दौरान या जब आपकी पाचन क्रिया हो रही होती हैं।
- पेट में ब्लोटिंग: गाल ब्लैडर स्टोन के कारण आपको पेट की उच्चावस्था या ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। इसमें पेट में सूजन और भारीपन का अनुभव होता है।
- पाचन संबंधी समस्याएं: गाल ब्लैडर स्टोन से प्रभावित होने पर आपको पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आप अपाच, पेट में गैस, उलटी, पाचन के समय पेट में दर्द, खट्टी डकारें या अपाच संबंधी समस्या की शिकायत कर सकते हैं।
- पीलिया (जॉन्डिस): गाल ब्लैडर स्टोन के कुछ मामलों में, स्टोन आपके गैलब्लैडर को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे आपको पीलिया के लक्षण दिख सकते हैं। इसमें आपकी आंखों और त्वचा में पीले रंग का होना शामिल हो सकता है।
यदि आपको इन लक्षणों का अनुभव होता है, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ताकि सटीक निदान और उपचार कराया जा सके।
गाल ब्लैडर स्टोन (पित्ताशय की पथरी) में क्या नहीं खाना चाहिए:-
गाल ब्लैडर स्टोन के मामले में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए:
- तेज मसाले: तेज मसालों जैसे कि मिर्च, हल्दी, धनिया, गरम मसाले, अदरक, लहसुन, प्याज आदि को सीमित मात्रा में खाना चाहिए। ये मसाले गैलब्लैडर को उत्तेजित कर सकते हैं और दर्द का कारण बन सकते हैं।
- तली हुई चिप्स: तली हुई खाद्य पदार्थों जैसे चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, नमकीन आदि का सेवन करना गैलब्लैडर स्टोन के मामले में अधिक दर्द और असुविधा का कारण बन सकता है।
- बाजार में बनी मिठाईयाँ: बाजार में बनी मिठाईयाँ, चॉकलेट, इस्क्रीम, पेस्ट्री आदि में अधिक मिठास और तेल होता है जो आपके गैलब्लैडर को प्रभावित कर सकता है।
- कैफीन और शराब: कैफीन और शराब की मात्रा को सीमित रखें क्योंकि इनका सेवन गैलब्लैडर को ख़राब कर सकता है और इंफ्लेमेशन का कारण बन सकता है।
- अशुद्ध तेल: अशुद्ध तेल जैसे कि तला हुआ खाना, चिप्स, पकोड़े, पकवान आदि का सेवन करना गैलब्लैडर स्टोन को बढ़ा सकता है। इसलिए, इसे परिवर्तनशील और हल्के तेलों के साथ बदलना चाहिए।
- फल और सब्जी: अपने आहार में फल और सब्जी को शामिल करना गैलब्लैडर स्टोन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये आपको फाइबर प्रदान करते हैं और पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संतुलित रखने में मदद करते हैं। हानि पहुंचाने वाले फल और सब्जी से बचें जैसे कि आम, आंवला, अनार, टमाटर, स्पिनच, सरसों के साग आदि।
- ताजा पानी: प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में ताजा पानी पिएं। यह गैलब्लैडर स्टोन के उत्पादन को कम करने में मदद करता है।
- साबुत अनाज: बाजरी, जौ और धान के प्रोटीन को अपने आहार में शामिल करने से गैलब्लैडर स्टोन का खतरा कम होता है। ये पौष्टिक होते हैं और साथ ही पाचन को भी बेहतर बनाए रखते हैं।
यदि आप किसी भी स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या हो तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए और विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
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गाल ब्लैडर स्टोन की चमत्कारी दवा:-
गुडहल का पाउडर
गालब्लैडर स्टोन के लिए चमत्कारी दवा के रूप में गुडहल का पाउडर बताया जाता है। गुडहल पाउडर में मौजूद रसायनिक तत्वों के कारण, यह गालब्लैडर स्टोन को छोटा करने और पथरी को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, गुडहल पाउडर का उपयोग करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि उन्हें आपकी स्थिति के आधार पर उचित दवा और खुराक की सलाह देनी चाहिए। चिकित्सक आपके मामले का मूल्यांकन करके उपयुक्त उपचार की योजना बना सकते हैं।
कुल्थी की दाल
गालब्लैडर स्टोन के लिए कुल्थी की दाल एक अच्छी दवा के रूप में जानी जाती है। कुल्थी की दाल में मौजूद एन्जाइम और एंटीऑक्सिडेंट्स गालब्लैडर स्टोन को घटाने में सहायक हो सकते हैं और पथरी को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। यह एक प्राकृतिक उपचार है, हालांकि, सभी मामलों में इसका प्रयोग करने से पहले आपको अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। वे आपके रोग का मूल्यांकन करेंगे और उचित दवा और खुराक की सलाह देंगे। यदि वे आपको कुल्थी की दाल का सेवन सलाह देते हैं, तो उनके द्वारा बताए गए तरीके पर अमल करें।
पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान:-
पित्त की थैली निकालने के बाद आमतौर पर कुछ नुकसान होने की संभावना हो सकती है। यहां नीचे कुछ महत्वपूर्ण नुकसान दिए गए हैं जैसे:
- डायरिया होना: पित्त की थैली (गैलब्लैडर) को निकालने के बाद डायरिया की दिक्क्त हो सकती है। इसका कारण हो सकता है कि पित्त की थैली के निकालने के पश्चात पित्त के निर्माण होने वाले अंग पेट में तटस्थ हो जाते हैं, जिससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और डायरिया की समस्या हो सकती है। इस समस्या को सुलझाने के लिए आपको पर्याप्त पानी पीना, आराम करना और पाचन को सुधारने वाले आहार का सेवन करना चाहिए। अगर समस्या बनी रहती है, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए जिससे वे आपको उचित उपचार का सुझाव दे सकें।
- पीलिया होना: पित्त की थैली (गॉल ब्लैडर) के निकालने के बाद कुछ मामलों में लोगों को पीलिया की समस्या हो सकती है। पीलिया एक प्रकार का रोग है जिसमें आपकी आँखों और त्वचा का रंग पीला हो जाता है। इसका कारण अप्रत्याशित हो सकता है, लेकिन गॉल ब्लैडर के स्टोन के निकालने के दौरान इसकी एक संभावित कारण हो सकती है गल ब्लैडर स्टोन के निकालने के बाद कोई संक्रमण होना जो अपने रंग को पीला कर सकता है। पीलिया के लक्षण में मसूड़ों और आंखों का पीला होना, पेट में दर्द, पेशाब के रंग में बदलाव, उल्टी या पतले दस्त शामिल हो सकते हैं। यदि आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
- कब्ज की समस्या रहना: पित्त की थैली (गॉल ब्लैडर) की निकालने के बाद कब्ज की समस्या रह सकती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जहां ठीक होने में कुछ समय लग सकता है। इसका कारण हो सकता है कि पित्त की थैली के निकालने के बाद पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है और इससे कब्ज की समस्या हो सकती है। कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, ताजा फल और हरी सब्जियों का सेवन करना, अच्छा फाइबर युक्त आहार लेना और नियमित व्यायाम करना चाहिए। आपको विटामिन्स से भरपूर और पाचन को सुधारने वाले आहार का सेवन करना चाहिए। यदि समस्या बनी रहती है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, जो आपको उचित दवाओं या सलाह दे सकते हैं।
- पेट में दर्द होना: पित्त की थैली (गॉल ब्लैडर) के निकालने के बाद पेट में दर्द होना संभव है। इसका कारण हो सकता है कि इस प्रक्रिया में छेदन के कारण पेट के आस-पास के हिस्से में सूजन और आघात होता है। यह आमतौर पर ठीक हो जाता है और कुछ ही दिनों में आराम प्राप्त होता है। हालांकि, यदि दर्द लंबे समय तक बना रहता है या असहनीय होता है, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
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FAQ
Ques-1 क्या गॉल ब्लैडर स्टोन को दवाओं से हटाया जा सकता है?
गॉल ब्लैडर स्टोन को दवाओं की मदद से हटाया जा सकता है। आपके चिकित्सक द्वारा परामर्श लेकर आपको उचित दवाओं की सलाह दी जा सकती है। कुछ दवाएँ पथरी को कम करने या उसे तोड़ने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, इसलिए आपको अपने चिकित्सक की सलाह पर निर्भर करना चाहिए और सुरक्षित तरीके से दवाओं का उपयोग करना चाहिए।
Ques-2 त्रिफला पित्त पथरी के लिए अच्छा है?
त्रिफला पित्त पथरी के लिए अच्छा माना जाता है। त्रिफला, जिसे तीन फलों का मिश्रण कहा जाता है (आंवला, हरीतकी और बहेड़ा), पेशाब में पथरी और पित्त पथरी को कम करने में मदद कर सकता है। यह पाचन को सुधारता है, मूत्र में कैल्शियम और एन्जाइमों की मात्रा को नियंत्रित करता है और पथरी के बनने के खतरे को कम करता है।
Ques-3 क्या दही पित्त पथरी के लिए अच्छा है?
दही पित्त पथरी के लिए अच्छा माना जाता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। यह पथरी बनने के रिस्क को कम करने के साथ-साथ पथरी के तत्वों को तोड़ने में मदद करता है। इसलिए, यदि आपको पित्त पथरी की समस्या है, तो आप दैनिक आहार में दही को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, इससे पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें और वे आपके रोग और स्थिति के अनुसार सलाह देंगे।
Ques-4 क्या दूध पित्त बढ़ाता है?
दूध कफ को बढ़ाता है, लेकिन वात और पित्त को कम करता है।
Ques-5 मूंगफली पित्ताशय की पथरी के लिए अच्छा है?
मूंगफली पित्ताशय की पथरी के लिए अच्छी मानी जाती है। मूंगफली में मौजूद उच्च मात्रा में विटामिन ई, ए, और बी के साथ-साथ पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, और फोलिक एसिड भी होते हैं, जो पथरी को नष्ट करने में मददगार हो सकते हैं।