Constipation Meaning in Hindi: Constipation जिसे आम भाषा में कब्ज कहते है। कब्ज हमारे पाचन तंत्र से जुडी एक आम समस्या बन चुकी है। खाद्य पदार्थों का पाचन सही से नहीं होता और मल को ठीक से निकालने में तकलीफ होती है। इसके कारणों में शामिल हो सकते हैं खाने की गलत आदतें, कम पानी पीना, कम फाइबर युक्त खाना, ज्यादा बैठे रहना, कम शारीरिक गतिविधि करना और मानसिक तनाव। कब्ज के लक्षण में गैस, पेट में दर्द, मलत्याग में समस्या, तंद्रा, भारीपन शामिल हो सकते हैं। कब्ज से बचने के लिए आपको प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना, फाइबर समृद्ध आहार लेना, नियमित शारीरिक गतिविधि करना, स्ट्रेस को कम करने का प्रयास करना, नियमित योग करना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक हो जाता है। यदि कब्ज की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो शरीर में गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती है। इसलिए कब्ज होने पर अपने डॉ से सलाह लेना सही होता है। आज इस लेख में हम कब्ज के लिए योगासन (Kabj Ke Liye Yoga) के बारें में बताएंगे जिससे आप कब्ज से बहुत जल्द छुटकारा पा सकें।
कब्ज के लिए योगासन:- (Yoga For Constipation)
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन एक प्राणायाम और योगासन है जो कब्ज से राहत प्रदान कर सकता है। इसकी विधि है:
- सीधे लेटें और पैरों को आराम से एक साथ फैलाएं।
- सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। अपने घुटनों को मोड़े और अपनी छाती के पास ले जाएँ।
- इस स्थिति में 30 सेकंड तक बने रहें और फिर धीरे-धीरे स्थिति को छोड़ें।
- इसे 3 से 5 बार दोहराएं और बीच में 10 सेकंड आराम जरूर करें।
पवनमुक्तासन को नियमित रूप से करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट की सूजन कम होती है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। ध्यान दें कि आप इसे सही ढंग से करें और योग गुरु के मार्गदर्शन में करें।
भुजंगासन
भुजंगासन योग का एक प्रमुख आसन है जो कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसे हिंदी में सर्पासन भी कहा जाता है। इसके लिए निम्न कदमों का पालन करें:
- सीधे स्थान पर पेट के बल लेट जाएँ।
- अपने हाथों को सामने रखें और अपनी टागों को पीछे मिलाकर साथ रखें।
- अपनी साँस को अंदर खींचें और अपने आपको ऊपर धकेलें, जब तक आपका छाती बिस्तर से उठ नहीं जाता।
- इस स्थिति में 20 से 30 सेकंड तक बने रहें।
- फिर से सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपनी छाती को नीचे ले आएं।
- इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराएँ।
भुजंगासन कब्ज को दूर करने में मदद करता है, पाचन तंत्र को सुधारता है और पेट से गैस और एसिडिटी को कम करता है। ध्यान दें कि आप इसे सही ढंग से करें और योग गुरु के मार्गदर्शन में इसे आवश्यकतानुसार करें।
वज्रासन
वज्रासन एक अच्छा योगासन है जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है। इसे हिंदी में वज्रासन कहा जाता है। इसे करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
- सीधे स्थान पर अपने घुटनों को मोड़कर बैठ जाएँ।
- अपनी पीठ को सीधी रखें और अपने हाथों को अपनी जांघों पर रखें।
- इस स्थिति में कुछ मिनट तक बने रहें, ध्यान दें कि आप समय-समय पर सांस छोड़ते रहें।
- आप इस आसान को 3-4 बार दोहरा सकते हैं।
वज्रासन कब्ज को दूर करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को सही करता है। यह आपके पेट को मजबूत बनाने में सहायता करता है। ध्यान दें कि योगासन करने से पहले एक योग गुरु की मार्गदर्शन और सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन एक प्रभावी योगासन है जो कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है। इसे हिंदी में अर्ध मत्स्येन्द्रासन कहा जाता है। यह करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
- सीधे स्थान पर बैठ जाएँ और अपने पैरों को आपस में जोड़ें।
- अपने दाहिने हाथ को अपने पीठ के पीछे रखें।
- बाएं हाथ को दाहिने घुटने के पास या फिर उसके ऊपर रखें
- आराम से दाएं कंधे को ऊपर की ओर करें।
- आपकी नेत्र से अपनी पीठ पर देखें।
- इस स्थिति में कुछ समय ध्यान करें।
- धीरे-धीरे आराम से वापस आएं और सामान्य स्थिति में लौटें।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन पाचन को सुधारता है, पेट की मांसपेशियों को आंतरिक शांति प्रदान करता है और कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है। यह आपके पाचन तंत्र को ठीक करने में मदद करता है और पेट संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इसे नियमित रूप से करने से आपके शरीर की उत्तेजना बढ़ती है और कब्ज से राहत मिल सकती है।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन
सुप्त मत्स्येन्द्रासन एक प्राणायाम योगासन है जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है। इसे हिंदी में सुप्त मत्स्येन्द्रासन कहा जाता है। यह योगासन करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
- पहले पीठ के बल सीधे स्थान पर लेट जाएँ। अपने पैरों को एक-दूसरे से थोड़ी दूरी में रखें।
- हथेलियों को नीचे रखें और हाथों से टी पोजीशन बनाएं।
- अपने एक पैर को घुटने से मोड़ें और कंधो को सीधा रखते हुए दूसरे पैर पर रखें।
- इस स्थिति में कुछ समय तक बने रहें, ध्यान दें कि आप सांस को स्थिर रखें और शांति का आनंद लें।
- इस आसान को 3 से 4 बार करें।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन पाचन तंत्र को सुधारता है, पेट की मांसपेशियों को स्थिर करता है, और कब्ज से राहत दिलाता है। यह आपके सेल्फएस्टीम को बढ़ाता है और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है।
exercise for constipation:-
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए योगा बहुत मददगार साबित हो सकता है। यहां कुछ योगासन दिए गए हैं जो कब्ज को दूर करने में सबसे अधिक मददगार हो सकते हैं जैसे:
- वक्रासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और पाचन को सुधारने में मदद करता है।
- शर्वांगासन: यह आसन पेट की गैसों को दूर करने और पाचन को सुधारने में मदद करता है।
- भुजंगासन: यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है और आंतों को सक्रिय रखकर कब्ज से राहत दिलाता है।
- मलासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और बौद्धिक तनाव को कम करने में मदद करता है।
- धनुरासन: यह आसन पाचन को सुधारने में मदद करता है और पेट की मांसपेशियों को स्थिर करके कब्ज से राहत दिलाता है।
- पवनमुक्तासन: इस आसन को करने से पेट की गैस कम हो जाती है और पाचन तंत्र में सुधार आता है।
- विपरीत करणी योग: इस योग शरीर को उल्टा करके रखना होता है। ये तनाव को कम करने में मदद करता है और पेट को सवस्थ बनाएं रखता है।
योगासनों को नियमित रूप से करने से कब्ज की समस्या में आराम मिल सकता है। साथ ही, पर्याप्त पानी पीना, फाइबर युक्त आहार लेना, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी महत्वपूर्ण है। हालांकि, यदि आपको गंभीर कब्ज की समस्या है तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।
FAQ
Ques-1 कब्ज में कौन से भोजन से परहेज करें?
कब्ज होने पर अधिक मसालेदार भोजन, तला हुआ खाना, मैदा से बनी चीजें आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए।
Ques-2 कब्ज का दर्द कहां महसूस होता है?
कब्ज का दर्द आमतौर पर पेट के निचले हिस्से में महसूस होता है। यह दर्द पेट के दाहिने या बाएं तरफ, पेट के ऊपरी हिस्से या निचले हिस्से में तनाव, तकलीफ या अपने आप को ठीक से खाली नहीं कर पाने की वजह से हो सकता है। कब्ज के कारण पेट में गैस, भारीपन या पेट में बढ़ी हुई अम्लता हो सकती है। यदि आपको बार-बार कब्ज का दर्द हो रहा है या इसमें सुधार नहीं हो रहा है, तो आपको अपने डॉ की सलाह लेनी चाहिए।
Ques-3 क्या दूध पीने से कब्ज होती है?
नियमित रूप से दूध पीने से आमतौर पर कब्ज नहीं होती है। दूध एक पोषक आहार है, जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है। हालांकि, कुछ लोगों को दूध या दूध संबंधित उत्पादों के सेवन से पेट संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे लैक्टोज इंटॉलरेंस या दूध एलर्जी। इसलिए, अगर आपको दूध पीने के बाद कब्ज की समस्या हो रही है, तो आपको एक डॉ से सलाह लेनी चाहिए।
Ques-4 क्या कब्ज हमेशा के लिए ठीक हो सकती है?
कब्ज एक आम समस्या बन चुकी है, जो कम पानी पीना, गलत आहार और अन्य कारणों से हो सकती है। कब्ज को हमेशा के लिए ठीक करने के लिए आप अपने खाने में फाइबर को शामिल करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिए, रोजाना योग का अभ्यास करें, सही नींद ले, तनाव कम करें इन सभी तरीको को अपनाकर आप कब्ज से छुटकारा प् सकते है।
Ques-5 कब्ज के लिए मैं सुबह सुबह क्या पी सकता हूं?
कब्ज को ठीक करने के लिए सुबह आप गर्म पानी में नींबू, जीरा पानी, त्रिफला पाउडर और अलसी का पानी पी सकते है जिससे आपको बहुत फायदा होगा।