सांस फूलने पर क्या खाना चाहिए और सांस फूलने का रामबाण इलाज?

शरीर में ऑक्सीजन की कमी या सांस से जुड़ी बीमारी के कारण सांस फूलने की समस्‍या हो सकती है। सांस फूलने का मुख्य कारण ऑक्सीजन की प्राप्ति में रुकावट होना है, जिसके परिणामस्वरूप श्वसन प्रणाली को आवश्यक ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। सांस फूलने के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे कि संक्रमण। यदि श्वसन प्रणाली में संक्रमण हो जाता है, तो यह ऑक्सीजन के प्रवाह को प्रभावित कर सकता है और सांस फूलने का कारण बन सकता है।

अन्य कारणों में दिल की बीमारी, एलर्जी और खून की कमी भी शामिल हो सकती हैं। ये सभी कारण ऑक्सीजन की गति को प्रभावित कर सकते हैं और सांस फूलने की समस्या पैदा कर सकते हैं। इस समस्या का समय पर इलाज करवाना महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर को प्राप्त ऑक्सीजन मिल सके और स्वास्थ्य को सही तरीके से बनाए रखने में मदद मिले। आज इस लेख में हम आपको बतायेगें की सांस फूलने पर क्या खाना चाहिए?

सांस फूलने पर क्या खाना चाहिए

सांस फूलने के लक्षण:-

सांस फूलने के लक्षण व्यक्ति के सांस लेने में समस्या होने की स्थिति को दर्शाते हैं। यह लक्षण व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित हो सकते हैं और विभिन्न कारणों से हो सकते हैं। सांस फूलने के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • सांसों की तेजी में कमी: आपकी सांसें शांत या धीमी हो सकती हैं, और आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है ताकि आप सही से सांस ले सकें।
  • सांस लेने में तकलीफ: जब आप सांस लेने की कोशिश करते हैं, तो आपको तकलीफ हो सकती है, और यह आपके फेफड़ों और सांस लेने वाले मार्ग में समस्या का संकेत हो सकता है।
  • छाती में दर्द: सांस फूलने के साथ-साथ छाती में दर्द का अहसास हो सकता है, जो किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, जैसे कि हृदय संबंधित समस्याएं।
  • बुखार: अगर सांस फूलने के साथ बुखार भी होता है, तो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।
  • सूखी खांसी: सांस फूलने के साथ खांसी का अहसास हो सकता है, और यह बीमारी के कुछ अन्य लक्षणों के साथ जुड़ सकता है।
  • उल्टी होना: सांस फूलने के लक्षण में से एक और आम लक्षण है उल्टी होना। यदि किसी को सांस फूलने की समस्या है, तो वह अक्सर उल्टी की समस्या का सामना कर सकता है।
  • बोलने में कठिनाई होना: सांस फूलने के लक्षण में व्यक्ति को बोलने में कठिनाई होती है। इसका मतलब है कि जब व्यक्ति बोलने की कोशिश करता है, तो उन्हें शब्दों को स्पष्ट और सही ढंग से उच्चारित करने में परेशानी हो सकती है।

यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं या आपको सांस फूलने की समस्या हो रही है, तो आपको तुरंत एक चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि ये समस्या किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है।

सांस फूलने का कारण:-

सांस फूलने के कई कारण हो सकते हैं और ये कारण व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति, जीवनशैली और वातावरण से संबंधित हो सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए जा रहे हैं:

  • धूम्रपान: तम्बाकू के सेवन से, फेफड़ों के लिए हानिकारक रूप से प्रभावित होने की संभावना होती है, जिसके परिणामस्वरूप सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
  • अस्थमा: अस्थमा एक फेफड़ों की बीमारी है जिसमें फेफड़ों के बंद हो जाने की स्थिति होती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
  • बुढ़ापा: बढ़ते आयु के साथ, फेफड़ों की क्षमता में कमी हो सकती है, जिससे सांस फूलने में कठिनाई हो सकती है।
  • प्रदूषण: प्रदूषण और अधिकांश वातावरणिक कारणों के कारण भी फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है, जिससे सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
  • निमोनिया: निमोनिया एक बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है जो फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है, और इससे फेफड़ों में सूजन और तरल पदार्थ का निर्माण होता है, जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
  • मानसिक तनाव: तनाव और चिंता भी सांस फूलने के कारण बन सकते हैं, खासकर अगर यह लम्बे समय तक बनी रहती है।

यदि आपको सांस फूलने की समस्या है या आपको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको एक चिकित्सक से सलाह लेना और उपचार करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। चिकित्सक सही उपचार सुझाकर आपकी समस्या को ठीक कर सकते हैं।

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सांस फूलने का रामबाण इलाज:-

सांस फूलने का रामबाण इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन कृपया ध्यान दें कि उपचार व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और सांस फूलने के कारण के आधार पर भिन्न हो सकता है और चिकित्सक की सलाह का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है:

  • अदरक: अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो आपके शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, अदरक सांस की बीमारियों के खिलाफ भी प्राकृतिक रूप से लड़ने की क्षमता रखता है। यह थकान को कम करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। अदरक का सेवन आपके पाचन को भी सुधार सकता है और पेट संबंधित समस्याओं को कम कर सकता है। इसके अलावा, यह मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • कॉफी: अस्थमा रोगियों के लिए गर्म कॉफी का सेवन एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। कॉफी में मौजूद उत्तेजक तत्व काफी तेजी से काम करते हैं और श्वास नलिकाओं में रूकी हुई हवा को तुरंत खोल देते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आसानी से सांस लेने में सुधार हो सकता है और अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है। कॉफी का सेवन आसान और प्रभावकारी तरीका हो सकता है, खासकर जब आप अन्य उपायों का पालन करने में समस्याएँ देखते हैं। यदि आपको कॉफी का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप कॉफी की महक भी ले सकते हैं, जिससे आपकी श्वास नलिकाओं को खोलने में मदद मिल सकती है।
  • लहसुन: लहसुन को एक शक्तिशाली औषधि के रूप में माना जाता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह गुण लहसुन को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए एक प्रमुख औषधि बनाते हैं। लहसुन गले और लंग्स के बैक्टीरियां के खिलाफ प्राकृतिक रूप से लड़ने में मदद करता है। यह अद्वितीय एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरियां को मारने और उनके विकास को रोकने में सहायक होते हैं, जिससे आपके गले और लंग्स स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं। लहसुन के एंटीबैक्टीरियल गुणों के साथ-साथ, यह सांस की प्रॉब्लम्स को भी कंट्रोल में रखता है। अस्थमा और अन्य सांस संबंधित समस्याओं में लहसुन का नियमित सेवन उपयुक्त हो सकता है, क्योंकि इसके एंटीइंफ्लेमट्री गुण भी होते हैं जो फ्लेम और सांस की प्रॉब्लम्स को कम कर सकते हैं।
  • अजवाइन: अजवाइन की पत्तियों में विशेष एजेंट्स होते हैं जो श्वासन तंतुओं को स्वच्छ करने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो वायरस और बैक्टीरियां को खांसी और दमे जैसी सांस संबंधित समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं। यह एंटीबैक्टीरियल गुण खांसी और दमे के लक्षणों को कम कर सकते हैं और सांस लेने में सुधार प्राप्त कर सकते हैं। अजवाइन की पत्तियों का सेवन करने से विभिन्न सांस संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, अजवाइन का सेवन खांसी, जुकाम, और वायरल संक्रमण के लक्षणों को भी कम कर सकता है। रोजाना अजवाइन की पत्तियों का सेवन करने से आपकी सांस और श्वासन प्रणाली को बेहतरीन स्वास्थ्य प्राप्त हो सकता है।

सांस फूलने के इलाज का चयन सांस फूलने के कारण और स्तर पर निर्भर करता है, इसलिए आपको अपने चिकित्सक की सलाह पर भरोसा करना चाहिए और उनके दिए गए उपायों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है।

सांस फूलने पर क्या खाना चाहिए:-

सांस फूलने की समस्या के समय, आपको सही आहार लेना महत्वपूर्ण होता है, ताकि आपके फेफड़े और सांस तंत्र को सही तरीके से स्वास्थ्य रूप से काम करने में मदद मिल सके। कुछ आहार को सेवन करने की सलाह दी जा सकती है:

  • चुकंदर: सांस फूलने की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के लिए चुकंदर का सेवन एक महत्वपूर्ण और स्वास्थ्यकर उपाय हो सकता है। चुकंदर शरीर को आयरन की आपूर्ति करने में मदद कर सकता है, जिससे सांस फूलने की समस्या को कम किया जा सकता है। चुकंदर में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो खून में हेमोग्लोबिन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हेमोग्लोबिन खून में ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम करता है और सही ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखना सांस लेने में मदद कर सकता है।
  • भाप लें: यदि आपको सांस फूलने की समस्या होती है, तो गर्म पानी की भाप लेना आपके लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है। यह एक प्राकृतिक तरीका है जो सांस फूलने से प्राप्त होने वाली तकलीफ को कम कर सकता है और सांस लेने में आसानी प्रदान कर सकता है। गर्म पानी की भाप लेने से आपके नाक की नलियां साफ होती हैं, जिससे आपकी सांस फूलने की समस्या कम हो सकती है। यह उपाय सांस लेने में किसी प्रकार की बाधा नहीं होने देता है और आपको तुरंत राहत प्रदान कर सकता है।
  • सौंफ: सांस फूलने की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए सौंफ का सेवन एक अत्यंत उपयुक्त विकल्प हो सकता है। सौंफ में विशेष गुण होते हैं जो बलगम को निकालने में मदद कर सकते हैं और सांस फूलने की समस्या से आराम प्रदान कर सकते हैं। सौंफ में कैरोफीलीन और अन्य पोषण तत्व होते हैं, जो बलगम को निकाल सकते हैं और सांस फूलने की समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि सौंफ सांस फूलने की समस्या से राहत प्रदान कर सकता है, लेकिन यदि आपकी समस्या गंभीर है या बार-बार हो रही है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। चिकित्सक आपकी सांस फूलने की समस्या के लिए सही उपाय और इलाज की सलाह देंगे, ताकि आप इस समस्या से छुटकारा पा सकें।
  • वॉकिंग: वॉकिंग सांस फूलने की समस्या से बचाव के लिए आसान तरीका है। यह सांस नलियों को सुगठित करने में मदद करता है और शारीरिक सक्रियता को बढ़ावा देता है। इसके साथ, रोजाना एक्सरसाइज करना भी फायदेमंद हो सकता है। यह सांस फूलने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है। योग और प्राणायाम भी एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। ये शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं और सांस फूलने की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं। इसलिए, सांस फूलने की समस्या से बचने के लिए रोजाना व्यायाम, टहलील, और योग प्राणायाम को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाने का प्रयास करें।

सांस फूलने के इलाज के साथ-साथ सही आहार और जीवनशैली का पालन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन यदि आपको किसी बीमारी के कारण सांस फूल रही है, तो आपको अपने चिकित्सक की सलाह और उपचार का पालन करना चाहिए।

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सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे:-

सांस लेने में परेशानी एक आम समस्या है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि एलर्जी, अस्थमा या सर्दी। सांस लेने के समय की परेशानी व्यक्ति को असहजता, चिंता और थकान में डाल सकती है। अगर यह समस्या बार-बार हो रही है या गंभीर हो गई है, तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद आवश्यक है। इसके अलावा, कुछ घरेलू उपाय भी सांस लेने में परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं।

  • अधिक वजन: अतिरिक्त वजन शरीर के विभिन्न हिस्सों पर दबाव डाल सकता है, विशेष रूप से छाती और फेफड़ों पर, जिससे सांस लेने में अधिक कठिनाई होती है। यह वजन बढ़ने का परिणाम हो सकता है और सांस लेने में प्रॉबल्म उत्पन्न कर सकता है। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए आपको स्वस्थ आहार खाना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने आहार में फाइबर-रिच खाद्य पदार्थ, हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और पर्याप्त पानी शामिल करना चाहिए। इसके साथ हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचें, जैसे कि प्रोसेस्ड फ़ूड्स, सुगरी ड्रिंक्स और तला हुआ खाना। नियमित रूप से व्यायाम करना भी महत्वपूर्ण है। व्यायाम आपके शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाता है, वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और सांस लेने में सुविधाजनकता प्रदान कर सकता है।
  • गहरी सांस लें: गहरी सांस लेने का एक महत्वपूर्ण और आसान तरीका हो सकता है जो हमारे फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन पहुँचाने में मदद कर सकता है और सांस लेने को सुविधाजनक बना सकता है। इस तकनीक के लिए, आपको धीरे-धीरे सांस लेने का प्रयास करना होता है। आपको नाक से भरपूर सांस लेने के लिए अपनी नाक को बंद करने की कोशिश करनी चाहिए और फिर अपने पेट को बाहर आने देना चाहिए। यह सांस को गहराई से लेने का तरीका होता है। फिर आपको धीरे-धीरे अपने मुंह से सांस छोड़ने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप यह तकनीक नियमित रूप से अभ्यास करते हैं, तो आपकी सांस लेने की क्षमता में सुधार हो सकता है, और आप अधिक ऑक्सीजन को सांस द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
  • पर्याप्त पानी पियें: पर्याप्त पानी पीने का महत्व स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक है और इसका सीधा संबंध सांस लेने के साथ भी होता है। पानी न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि यह हमारे फेफड़ों और श्वसन प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्याप्त पानी पीने से शारीरिक खराबियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे फेफड़ों को बलगम को ढीला करने और साफ करने में मदद मिल सकती है। जब हम पर्याप्त पानी पीते हैं, तो इससे हमारे श्वसन प्रणाली की नलियां नमी रखती हैं, जिससे बलगम को अच्छे से बाहर निकालने में मदद मिलती है। यदि बलगम या फेफड़ों में संक्रमण होता है, तो पानी पीने से इस संक्रमण को निष्कासित करने में भी सहायक होता है। इसके अलावा, पानी खून को पतला करके शारीरिक बदलावों को भी सुविधाजनक बनाता है, जिससे सांस लेने में अधिक आसानी होती है।
  • एलर्जी: एलर्जी एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या हो सकती है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। यह तब होता है जब आपके शरीर किसी विशेष प्रकार के खाने, धूल या वायरस के संपर्क में आते हैं और आपके शरीर का प्रतिक्रियाशीलता सिस्टम इनके प्रति अधिक प्रतिक्रिया करता है। इस प्रकार की एलर्जी के परिणामस्वरूप, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। एलर्जी की पहचान करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह आपके लिए नुकसानकारक हो सकता है और सांस लेने में आपको तकलीफ पहुँचा सकता है। एलर्जी के प्रति आपकी संवेदनशीलता को पहचानने के लिए आपको एलर्जी टेस्ट्स करवाने की आवश्यकता हो सकती है। एलर्जी का प्रबंधन करने के लिए आपके चिकित्सक आपको उपयुक्त दवाओं और उपायों का सुझाव देंगे, जिनसे आप एलर्जी के प्रति अधिक सावधान रह सकते हैं और सांस लेने में आराम महसूस कर सकते हैं।

  • धूम्रपान और वायु प्रदूषण: धूम्रपान और वायु प्रदूषण दो बड़े हानिकारक कारक हैं जो हमारे श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं और सांस लेने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकते हैं। धूम्रपान का सेवन करने से निकोटीन और कई अन्य हानिकारक रासायनिक पदार्थ शरीर में पहुंचते हैं, जो फेफड़ों को नुकसान पहुँचाते हैं। यह फेफड़ों के अंदर की सूजन और रुकावट को बढ़ा सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाइयाँ हो सकती हैं। वायु प्रदूषण में मौजूद धूल, कार्बन मोनोक्साइड और अन्य विषैले गैसेस भी हमारे फेफड़ों को हानि पहुंचाते हैं और सांस लेने को कठिन बना सकते हैं। धूम्रपान करने वाले लोगों को धूम्रपान छोड़ने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। धूम्रपान छोड़ने के बाद, फेफड़ों का स्वास्थ्य सुधर सकता है और सांस लेने में आरामदायकता प्राप्त हो सकती है।

सांस लेने में दिक्कत का कारण निर्धारित करने के लिए एक चिकित्सक की सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है, और वह आपको सही उपाय और उपचार की सलाह देंगे।

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सांस लेने पर सीने में दर्द क्यों होता है:-

फेफड़ों में संक्रमण या फेफड़ों की समस्या के कारण सीने में दर्द हो सकता है, जो व्यक्ति को कई तरह की तकलीफें दे सकता है। यह दर्द खांसने, सांस लेने में कठिनाइयों और सांस लेते समय सीने की चिपचिपाहट के रूप में महसूस हो सकता है। फेफड़ों की समस्या कई प्रकार की हो सकती है, जैसे कि अस्थमा या निमोनिया।

अस्थमा एक श्वासनली बीमारी है जिसमें फेफड़ों के आकार में बदलाव हो जाता है और सांस लेने में मुश्किल होती है। यह अकसर खांसने, सास लेने में घाबराहट और सीने में दर्द के साथ आता है।

निमोनिया एक फेफड़ों का संक्रमण होता है जिसमें फेफड़ों की संरचना प्रभावित होती है और उनका संवासना में कमी होती है। यह बुखार, खांसी और सीने में दर्द के रूप में प्रकट हो सकता है।

इन स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उचित चिकित्सा परामर्श और उपचार महत्वपूर्ण होते हैं। यदि किसी को फेफड़ों से संबंधित समस्या है, तो उन्हें चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए ताकि सही तरीके से इलाज किया जा सके और सीने में दर्द को कम किया जा सके।

FAQ

Ques-1 कमजोरी से सांस फूलती है क्या?

कमजोरी या शारीरिक कमी से सांस फूलने की समस्या हो सकती है। कमजोरी आपके श्वास प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाइयाँ हो सकती हैं।

Ques-2 पेट में गैस बनने से सांस फूलती है क्या?

पेट में गैस बनने से कई बार सांस फूलने की समस्या हो सकती है। गैस बनने का मुख्य कारण होता है जब पेट में खाने पिने के बाद आया हुआ खाना पाचन प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से नहीं पचता है और इसके परिणामस्वरूप गैस बनती हैं। यह गैसे आपके पेट में बढ़ती हैं और आपकी सांस लेने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकती हैं।

Ques-3 कौन सा फल फेफड़ों को साफ करता है?

शरीफा फल, जो सर्द मौसम में पाया जाता है, एक आश्चर्यजनक और स्वास्थ्यप्रद फल होता है जो फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह फल गूदेदार और स्वादिष्ट होता है और इसका सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसका सेवन फेफड़ों को प्राकृतिक तरीके से साफ करता है और उनके स्वास्थ्य को सुधारता है।

Ques-4 क्या नींबू आपके फेफड़ों के लिए अच्छा है?

नींबू आपके फेफड़ों के लिए बेहद अच्छा होता है। नींबू में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है, जो आपके श्वास प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह विटामिन सी फेफड़ों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह फेफड़ों की शक्ति को बढ़ावा देता है और उन्हें किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।

Ques-5 क्या दूध फेफड़ों के लिए अच्छा है?

दूध फेफड़ों के लिए अच्छा है क्योंकि यह फेफड़ों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। दूध एक महत्वपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी का स्रोत होता है, जिन्हें फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।

 

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