Digestive system in hindi: पाचन तंत्र (Digestive system) ठीक होना हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह तंत्र खाने को पचाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और उनके संचय को सम्पूर्ण शरीर में सहेजने में सहायता करता है। शरीर में सभी रोगों की जड़ पेट ही होता है अर्थात सभी शरीर में रोगों की शुरुआत पेट से ही होती है। यदि आपका पेट (पाचन तंत्र) ठीक नहीं है तो आप कई बीमारियों की चपेट में आ सकते है। पाचन तंत्र में विभिन्न भाग होते हैं जैसे कि मुंह, उभयनाली, पेट, आंतें और अमाशय। यहाँ आहार को रस बनाने और उसका पाचन करने के लिए विभिन्न अवशोषण एंजाइम्स का उपयोग किया जाता है। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी पीना, नियमित व्यायाम करना, समय पर भोजन करने, स्वस्थ जीवनशैली और तनाव मुक्त रहना महत्वपूर्ण होता है। यदि आपका पाचन तंत्र सही नहीं है तो आप इस लेख से जान सकते है की पाचन क्रिया कैसे सुधारे और पाचन तंत्र मजबूत करने के घरेलू उपाय क्या-क्या होते है।
पाचन क्रिया खराब होने के लक्षण:-
अगर आपकी पाचन क्रिया खराब हो जाती है तो आपके शरीर में निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे:
- पेट में अपच: पाचन क्रिया खराब होने के कारण अपच, पेट में गैस, पेट दर्द, जलन और पेट में भारीपन का अनुभव हो सकता है।
- आंतों की समस्याएं: खराब पाचन क्रिया के कारण पेट में अवसाद, दस्त, कब्ज, बवासीर हो सकता है।
- भूख कम या ज्यादा लगना: पाचन क्रिया की खराबी के कारण भूख कम या ज्यादा हो सकती है, जिससे खाने की इच्छा कम हो सकती है।
- खुश्क त्वचा और बालों की समस्याएं: पाचन क्रिया की कमजोरी के कारण त्वचा पर सूखापन, रूखापन, चर्म रोग और बालों की समस्याएं हो सकती हैं।
- वजन में कमी: अगर आपका पाचन तंत्र खाने के पोषक तत्वों को पचाने में कमजोर है, तो आपका वजन धीरे-धीरे कम हो सकता है और मांसपेशियों का कमजोर संभव है।
- ऊर्जा की कमी: अगर आपको खाना खाने के बाद भी तंदरुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस होती है, तो यह पाचन क्रिया के खराब होने का संकेत हो सकता है।
यदि आपको इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो आपको अपने डॉ से सलाह लेनी चाहिए। वे ही आपको सही इलाज के बारें में बतायेंगे।
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पाचन क्रिया कैसे सुधारे:- (Pachan Shakti Kaise Badhaye)
पाचन क्रिया सुधारने के लिए सबसे पहले आप अपने खाने में बदलाव करें। ताजा फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करें। तले हुए, ज्यादा मसालेदार भोजन और बाहर का खाना खाने से बचें। इसके अलावा और अन्य उपाय कर सकते है जैसे:
- स्वस्थ आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेना पाचन क्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है। सेहतमंद फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, साबुत अनाज, दही, दालें, और प्राकृतिक पदार्थों का सेवन करें।
- नियमित भोजन: नियमित समय पर भोजन करें और भोजन को चबाकर अच्छी तरह से पचा लें। भोजन को अच्छी तरह से चबाने से पाचन क्रिया सुधारती है और पेट को सही ढंग से संचालित करती है।
- पर्याप्त पानी पिएं: अच्छी मात्रा में पानी पीना पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
- खाने में फाइबर का सेवन करें: फाइबर युक्त आहार पाचन को सुधारने में मदद करता है। अनाज, फल, सब्जियां, दालें, और अधिक पाचनशील अनाजों को अपने आहार में शामिल करें।
- योगाभ्यास: नियमित योगाभ्यास करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है। प्राणायाम और ध्यान भी पाचन को सुधारने में मदद करते हैं। रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम जरूर करें।
- तनाव को कम करें: तनाव पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है, इसलिए तनाव को कम करने के लिए ध्यानाभ्यास, ध्यान, योग आसन, या अन्य तकनीकों का उपयोग करें।
यदि आपको पाचन क्रिया में समस्या हो रही है, तो एक डॉ से सलाह लेनी चाहिए है। डॉक्टर आपकी स्थिति का निदान करेंगे और उचित इलाज करेगें।
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पाचन तंत्र मजबूत करने के घरेलू उपाय:-
दही का सेवन करें
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए दही एक अच्छा उपाय हो सकती है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट की सेहत को अच्छा बनाते हैं और पाचन क्रिया को सुधारते हैं। दही को नियमित रूप से खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है, आपके पेट को शांति मिलती है और अपच की समस्याओं को कम करती है। इसके अलावा, दही में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी भी होते हैं जो आपकी सेहत के लिए महत्वपूर्ण हैं। आप दही को सीधे खा सकते हैं या इसे सलाद, रायता या सांभर में भी शामिल कर सकते हैं। कोशिश करें की देसी गाय के दूध से बनी दही का ही इस्तेमाल हो, जो आपके लिए बहुत फायदेमंद होती है। लेकिन यदि आपको लैक्टोज इंटॉलरेंस है, तो आप लैक्टोज मुक्त दही का उपयोग कर सकते हैं जो आमतौर पर बाजार में उपलब्ध होती है।
जीरा और सौंफ
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए आप जीरा और सौंफ का उपयोग कर सकते हैं। ये दोनों मसाले पाचन को सुधारने में मदद करते हैं। आप इन्हें ताजे या सूखे रूप में भोजन में शामिल कर सकते हैं। आप इन्हें खाने के बाद एक चम्मच जीरा या सौंफ का सेवन कर सकते हैं या फिर इन्हें एक कप गर्म पानी में भीगोकर पी सकते हैं। इससे पाचन क्रिया मजबूत होगी और आपको पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी।
हरी चाय
हरी चाय पाचन क्रिया को सुधारने में मददगार साबित हो सकती है। हरी चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स और केफीन की मात्रा होती है, जो पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, हरी चाय में मौजूद दूध और इलायची आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं। हरी चाय को सही मात्रा में पिएं और इसे भोजन के बाद लें ताकि इसका प्रभाव सर्वाधिक हो सके। हालांकि, याद रखें कि हरी चाय का अधिक सेवन करने से पेट में गैस या अन्य पेट संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं, इसलिए उम्मीद से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिए
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए पानी महत्वपूर्ण होता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आपके पाचन सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। पानी पाचन को सुधारने के लिए पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है, हाइड्रेटेशन को बनाए रखता है और पाचन प्रक्रिया में सही आम्लता बनाए रखता है। आपको रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, जैसे 8-10 गिलास पानी या योग्यता के अनुसार। सुबह उठते ही गर्म पानी पीना भी पाचन क्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है। हालांकि, ध्यान दें कि भोजन के साथ पानी पीने से पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है, इसलिए भोजन के बाद कुछ समय तक पानी का सेवन न करें। सब्जी, फलों, दाल और सूप में पानी की अच्छी मात्रा शामिल करें ताकि आपका शरीर पाचन क्रिया को सही से काम करने में मदद मिले।
त्रिफला
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए त्रिफला एक अत्यंत प्रभावी औषधि मानी जाती है। त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें आमला, हरितकी और बहेड़ा के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। इसका नाम ‘त्रिफला’ इसलिए है क्योंकि इसमें तीन फलों का मिश्रण होता है। त्रिफला पाचन क्रिया को संतुलित करने, आंतों को साफ करने और आमशय की संरचना को मजबूत करने में मदद करता है। यह भोजन को पचाने में सहायक होता है, आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और सामान्य पाचन विकारों को नियंत्रित करता है। त्रिफला को रोजाना गर्म पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। आप इसे रात को सोने से पहले ले सकते हैं या सुबह खाली पेट भी इसका सेवन कर सकते हैं। एक छोटी चम्मच त्रिफला पाउडर को हल्के गर्म पानी में मिलाएं और इसे पी जाएं।
एप्पल साइडर विनेगर
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए एप्पल साइडर विनेगर एक अच्छा घरेलू उपाय है। एप्पल साइडर विनेगर में एसिडिक प्रक्रिया शामिल होती है जो पाचन को बेहतर बनाने का काम करती है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाने, भोजन को पचाने और विषाक्त पदार्थों को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। एप्पल साइडर विनेगर को खाने से पहले एक चम्मच विनेगर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं और इसे सुबह खाली पेट पी लें। यदि आप विनेगर की सेवन करने से पहले किसी रोग या उपचार के संबंध में संशय हैं, तो आपको अपने डॉ से सलाह लेनी चाहिए।
एलोवेरा का सेवन
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए आप एलोवेरा का सेवन कर सकते है। एलोवेरा एक प्राकृतिक पौधा है जिसमें गुणकारी और पाचन को सुधारने वाले तत्व होते हैं। इसमें विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। एलोवेरा के सेवन से आपकी अपच कम होती है, पेट में गैस की समस्या कम होती है और पेट की अन्य समस्याएं दूर होती हैं। आप एलोवेरा के रस को निकालकर पी सकते हैं या इसे निर्धारित मात्रा में सप्ताह में कुछ बार खाने के रूप में ले सकते हैं। हालांकि, ध्यान दें कि अगर आपको किसी तत्व के प्रति एलर्जी है या आप गर्भावस्था में हैं, तो आपको अपने डॉ से परामर्श लेना चाहिए।
अदरक
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए अदरक एक उत्कृष्ट उपाय है। अदरक में पाचन शक्ति को सुधारने और पाचन को बेहतर बनाने वाले गुण होते हैं। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज़, और पाचन प्रोटीन्स होते हैं, जो पेट में जमा हुए अपच को ठीक करने में मदद करते हैं। आप अदरक को ताजे रूप में पीसकर, उसका रस निकालकर, या अदरक की चाय बनाकर सेवन कर सकते हैं। अदरक का इस्तेमाल खाने के बाद या भोजन में भी किया जा सकता है, ताकि आपकी पाचन क्रिया को अधिक लाभ मिल सके।
योगाभ्यास
पाचन क्रिया को सुधारने के लिए योगाभ्यास एक अत्यंत प्रभावी तरीका है। योगाभ्यास करने से पाचन तंत्र सुधारता है और पेट संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। कुछ प्रमुख आसन जैसे पवनमुक्तासन, पद्मासन, वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन, और भुजंगासन पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। योगाभ्यास करने से शरीर का प्राणायाम बढ़ता है और आंतों को मजबूती मिलती है, जिससे पाचन तंत्र ठीक से काम करता है। योगाभ्यास करने से पाचन शक्ति बढ़ती है, खाने की प्रक्रिया में सुधार होता है और पेट संबंधी तकलीफें कम होती हैं। तो अपनी रोज़ाना की जीवनशैली में योगाभ्यास को शामिल करें और स्वस्थ पाचन क्रिया का आनंद उठाएं।
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FAQ
Ques-1 क्या वजन कम करने से गैस होती है?
हाँ, वजन कम करने से गैस की समस्या हो सकती है। वजन कम करने के दौरान शरीर की खुराक कम होती है, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, भोजन का पूरी तरह से पचना मुश्किल हो सकता है और गैस की उत्पत्ति हो सकती है।
Ques-2 सबसे जल्दी पचने वाला भोजन कौन सा है?
खिचड़ी और दलिया आसानी से पचने वाले भोजन हैं और इनमें अधिक कैलोरीज भी नहीं होती। इन दोनों में ही लगभग 150 से 200 कैलोरीज होती हैं, जो की वजन कम करने के लिए मददगार होती हैं।
Ques-3 कौन सा फल हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक है?
सेब: सेब में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन को सुधारने में मदद करती है। इसके साथ ही यह भूख को कम करता है और पेट को भरा महसूस कराता है।
Ques-4 भोजन ठीक से नहीं पचने से क्या होता है?
जब भोजन ठीक से पचता नहीं है, तो यह पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे अपच, कब्ज, एसिडिटी, पेट फूलना।
Ques-5 क्या केले या सेब पाचन के लिए बेहतर होते हैं?
केले और सेब दोनों ही पाचन के लिए बहुत ही अच्छे फल हैं। इन दोनों में पाचन को सुधारने वाले गुण पाए जाते हैं। केले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो अपच, कब्ज और पाचन की समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। यह पेट को साफ और हेल्दी रखता है। केले में पोटैशियम भी होता है जो शरीर के ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।