Asthma in Hindi: अस्थमा एक ऐसी बीमारी होती है जो हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है और फलस्वरूप हमें ठीक से साँस नहीं लेने देती। यह बीमारी बच्चों और वयस्कों दोनों में होती है लेकिन बच्चों में यह बीमारी अधिक देखने को मिलती है। इस बीमारी में हमारी श्वसन नलियों में सूजन आ जाती है जिससे हमें ठीक से साँस लेने में तकलीफ होती है। यह बीमारी कुछ लोगों में जीवनदायी हो सकती है जबकि कुछ लोगों में इसकी स्थिति दिनों-दिन बदलती रहती है। आयुर्वेद में अस्थमा की बीमारी को ‘तमक श्वास’ के नाम से जाना जाता है। यह वात और बलगम के दोष की विकृति के कारण होने वाला रोग है। इसमें सास लेने वाली नलिकाओं और छाती में भारीपन महसूस होता है। आज इस लेख में हम अस्थमा कैसे फैलता है के बारें में विस्तार से जानकारी देंगे।
अस्थमा कैसे फैलता है:-
दरअसल, अस्थमा एक ऐसा रोग है जो यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। अस्थमा कई कारणों की वजह से हो सकता हैं उनमें से अधिकतर धूल वाले इलाके, अधिक प्रदूषण, उन्नत शहरी जीवनशैली और धूम्रपान जैसी चीजों से जुड़े हुए होते हैं। इसके अलावा अन्य निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं:
- वायु प्रदूषण: अस्थमा का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण माना जाता है। यह अधिक मात्रा में धूल, कार एवं उद्योगों से निकलने वाले धुएं के कारण होता है। वायु प्रदूषण हाई होने पर हवा अधिक हानिकारक हो जाती है जो अस्थमा के मरीजों को सांस लेने से संबंधित तकलीफ पहुंचाती है।
- पारिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को पहले से अस्थमा की समस्या है तो आपको यह रोग होने की संभावना औरलोगों से अधिक हो जाती है।
- धूम्रपान: अस्थमा के लिए एक बड़ा कारण धूम्रपान होता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं तो आपको अस्थमा होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
- एलर्जी: एलर्जी भी अस्थमा का कारण बन सकती है। जब श्वसन नलिकाओं में इंफेक्शन होता है तो उनमे सूजन आ जाती हैं और उनमें फ्लूइड जमा होता है जिससे श्वसन नलिकाएं को नुकसान पहुँचता हैं।
- अधिक वजन: मोटापा एक और मुख्य कारण होता है जो अस्थमा के खतरे को बढ़ाता है। मोटापा आमतौर पर विटामिन डी की कमी वाले लोगों में अधिक होता है।
अस्थमा के लक्षण:- (Asthma Symptoms in Hindi)
- सांस लेने में तकलीफ
- छाती में दर्द
- सूखी खांसी
- फेफड़ों में सिटी की आवाज आना
- रात के समय खराश बढ़ना
- सीने में दर्द, दबाव या जकड़न
ये लक्षण समान्यतः हर किसी को नहीं होते हैं और कुछ लोगों को इनमें से कुछ होते हैं जबकि कुछ लोगों को अस्थमा के लक्षण नहीं होते हैं।
अस्थमा पूरी तरह से ठीक हो सकता है:-
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो हमारी श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। इस बीमारी में हमारे फेफड़ों की नलियों में सूजन हो जाती है जिससे हमें श्वसन की समस्याएं होती हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र के दौरान हो सकती है लेकिन अधिकतर इस बीमारी के शिकार बच्चे ही होते हैं। अस्थमा के मरीजों को श्वसन की समस्याओं के साथ निपटने के लिए अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं लेकिन कई बार इस बीमारी से पूरी तरह से छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अगर आप इस बीमारी के साथ लड़ने के लिए अपनी दवाएं ठीक समय से लेते हैं और सही व्यायाम करते है तो आप इस बीमारी से पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं।
अस्थमा में क्या नहीं खाना चाहिए:-
- दूध और दूध से बनी चीजें
- मैदा से बनी चीजें जैसे कि बिस्कुट, केक, पास्ता आदि
- तली चीजें जैसे कि समोसा, कचौड़ी आदि
- अखरोट और बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स
- मैदा, चावल और सेवई से बनी चीजें
- तले आलू या फ्रेंच फ्राइज जैसे तले हुए खाने
- चाय और कॉफी
- शराब और खट्टी चीजें आदि
अस्थमा के मरीजों को अपने खाने में इन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए ताकि वे अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकें।
अस्थमा की अंग्रेजी दवा:-
- बुडेसोनाइड और फॉर्मोटेरोल
- एसेब्रोफाइलिन
- एसीटाइलसिस्टिन
- एल्ब्युटेरोल
- बिटोलटेरोल
- एमोक्सिसिलिन और ब्रोमहेक्सिन
- सेफैलोरिडीन
- डॉक्सोफाइललाइन
- बम्बुटेरोल
- बेक्लोमीथासोन
यदि आपको अस्थमा के लिए दवाओं की आवश्यकता है, तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह से ही इन दवाओं का प्रयोग करना चाहिए। वह आपको सही दवाओं के बारे में सलाह देकर आपके लिए सबसे अच्छी दवा चुनने में मदद करेंगे।
FAQ
Ques-1 अस्थमा की शुरुआत कैसे होती है?
अस्थमा की शुरुआत कई तरह की हो सकती है। ज्यादातर मामलों में बच्चों में अस्थमा के लक्षण पाये जाने की समय सीमा कुछ हफ्तों या महीनों से कम होती है। अस्थमा की शुरुआत अक्सर सामान्य जुकाम, नाक में खुजली या सिरदर्द से होती है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि वे अस्थमा के विकास का संकेत भी हो सकते हैं।
Ques-2 अस्थमा में कौन सा फल खाना चाहिए?
अस्थमा के मरीजों के लिए संतरा खाना बहुत ही फायदेमंद होता है, संतरे में विटामिन सी की मात्रा भरपूर होती है। अगर आप रोजाना एक संतरे का सेवन करते हैं तो अस्थमा को कंट्रोल में मदद मिलती है।
Ques-3 अस्थमा में दूध पी सकते हैं क्या?
हां, अस्थमा रोगियों को दूध पीना फायदेमंद होता है। दूध में मौजूद विटामिन डी और कैल्शियम शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं जो अस्थमा रोगियों के लिए बेहद जरूरी होते हैं। इसके अलावा, दूध में मौजूद विटामिन बी6 भी अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
Ques-4 क्या एलर्जी से अस्थमा होता है?
हां, कुछ लोगों में एलर्जी से अस्थमा हो सकता है। एलर्जी अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें जिस वस्तु से अस्थमा रोगी को एलर्जी होती है, उससे उनकी हालत बिगड़ जाती है। एलर्जी से होने वाली अस्थमा बच्चों में अधिक देखने को मिलती है। एलर्जी से अस्थमा रोकने के लिए अस्थमा रोगियों को एलर्जी टेस्ट करवाना चाहिए जिससे वह अपनी एलर्जी के बारे में जान सकें और उससे बचने के उपाय ढूंढ सकें।
Ques-5 अस्थमा का अटैक कैसे आता है?
अस्थमा का अटैक आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होता है। इसमें पहले श्वास लेने में कुछ तकलीफ होती है, उसके बाद सांस फूलने लगता है। अस्थमा अटैक के कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं जैसे सांस फूलने जैसा लगना, सीने में दर्द या भारीपन का अनुभव होना, घाव की तरह सीना ऊभरना, सांस लेने के दौरान सिर में चक्कर आना और बहुत तकलीफ होना।